ऊष्मागतिकी
अभ्यास के प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 6.1
सही उत्तर चुनिए –
ऊष्मागतिकी अवस्था फलन एक राशि है –
- जो ऊष्मा-परिवर्तनों के लिए प्रयुक्त होती है
- जिसका मान पथ पर निर्भर नहीं करता है
- जो दाब-आयतन कार्य की गणना करने में प्रयुक्त होती है
- जिसका मान केवल ताप पर निर्भर करता है
उत्तर:
2. जिसका मान पथ पर निर्भर नहीं करता है
प्रश्न 6.2
एक प्रक्रम के रूद्धोष्म परिस्थितियों में होने के लिए –
- ∆T = 0
- ∆p = 0
- q = 0
- w = 0
उत्तर:
3. q = 0
प्रश्न 6.3
सभी तत्वों की एन्थैल्पी उनकी सन्दर्भ-अवस्था में होती है –
- इकाई
- शून्य
- < 0
- सभी तत्वों के लिए भिन्न होती है।
उत्तर:
2. शून्य
प्रश्न 6.4
मेथेन के दहन के लिए ∆UΘ का मान – X kJ mol-1 है। इसके लिए ∆HΘ का मान होगा –
- = ∆UΘ
- > ∆UΘ
- < ∆UΘ
- = 0
उत्तर:
3. < ∆UΘ
प्रश्न 6.5
मेथेन, ग्रेफाइट एवं डाइहाइड्रोजन के लिए 298 K पर दहन एन्थैल्पी के मान क्रमशः -890.3 kJ mol-1, -393.5kJ mol-1 एवं -285.8kJ mol-1 हैं। CH4 (g) की विरचन एन्थैल्पी क्या होगी?
- – 74.8kJ mol-1
- – 52.27kJ mol-1
- + 74.8kJ mol-1
- + 52.26kJ mol-1
उत्तर:
1. – 74.8kJmol-1
प्रश्न 6.6
एक अभिक्रिया A + B → C + D + q के लिए एन्ट्रॉपी परिवर्तन धनात्मक पाया गया। यह अभिक्रिया सम्भव होगी –
- उच्च ताप पर
- केवल निम्न ताप पर
- किसी भी ताप पर नहीं
- किसी भी ताप पर
उत्तर:
4. किसी भी ताप पर
प्रश्न 6.7
एक प्रक्रम में निकाय द्वारा 701J ऊष्मा अवशोषित होती है एवं 394J कार्य किया जाता है। इस प्रक्रम में आन्तरिक ऊर्जा में कितना परिवर्तन होगा?
उत्तर:
प्रश्नानुसार, निकाय द्वारा कृत कार्य (W) = -394J
तथा अवशोषित ऊष्मा (q) = 701J
अतः आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन (∆U) = q + w
= 701 + (-394)
= 3307J
प्रश्न 6.8
एक बम कैलोरीमीटर में NH2 CN(S) की अभिक्रिया डाइऑक्सीजन के साथ की गई एवं ∆U का मान – 742.7kJ mol-1 पाया गया (298K पर)। इस अभिक्रिया के लिए 298K पर एन्थैल्पी परिवर्तन ज्ञात कीजिए।
NH2 CN(g) + 3/2 O2 (g) → N2 (g) → H2O(l)
उत्तर:
प्रश्नानुसार,
∆U = -742.7 kJ mol-1
∆ng = 2 – 3/2 = +1/2
R = 8.314 × 10-3 kJ k-1 mol-1
तथा T = 298K
जब सम्बन्ध ∆H = ∆U + ∆ng RT से
∆H = (-742.7kJ mol-1) + (1/2) × (8.314 × 10-3 kJ k-1 mol-1) × (298K)
= -741.46 kJmol-1
प्रश्न 6.9
60.0g ऐलुमिनियम का ताप 35°C से 55°C करने के लिए कितने kJ ऊष्मा की आवश्यकता होगी? AI की मोलर ऊष्माधारिता 24-1Jmol K-1 है।
उत्तर:
ऐलुमिनियम का द्रव्यमान = 60.0g
ताप में वृद्धि = 55°C – 35°C
= 20° C = 293K
AI की मोलर ऊष्मा – धारिता = 24Jmol-1K-1
AI की विशिष्ट ऊष्मा-धारिता = 24/27 Jg-1K-1
आवश्यक ऊष्मा q = C × m × ∆T
= (24/27 Jg-1K-1) × (60.0g) (293 K)
= 15626.67J
= 15.627kJ
प्रश्न 6.10
10.0°C पर 1 मोल जल की बर्फ – 10°C पर जमाने पर एन्थैल्पी-परिवर्तन की गणना कीजिए।
∆fusH = 6.03 kJ mol-10°C पर
Cp[H2(l)] = 75.3J mol-1K-1
Cp[HpO(s)] = 36.8J mol-1K-1
उत्तर:
परिवर्तन को निम्नवत् प्रदर्शित किया जा सकता है –
हेस नियम के अनुसार,
∆H = ∆H1 + ∆H2 + ∆H3
∆H1 = Cp [H2 O(l) × ∆T
= 75.3 Jmol-1K-1(10k)
= 753 Jmol-1
∆H2 (ठोसीकरण ) = -603 kJmol-1
(चिह परिवर्तता) = -603 kJmol-1
∆H3 = Cp [H2O(s)] × ∆T
= 36.8 Jmol-1K-1(-10k)
= 36.8 Jmol-1
∴ ∆H = (753 – 5030 – 368)Jmol-1
= -5645 Jmol-1
= 5.645 Jmol-1
प्रश्न 6.11
CO2 की दहन एन्थैल्पी – 393.5kJ mol-1 है। कार्बन एवं ऑक्सीजन से 35.2gCO2 बनने पर उत्सर्जित ऊष्मा की गणना कीजिए।
उत्तर:
C तथा O2 का दहन समीकरण निम्नवत् है –
∵ 44g CO2 के निर्माण में मुक्त हुई ऊष्मा = 393.5kJ
∴ 35.2g CO2 के निर्माण में मुक्त ऊष्मा होगी
= {393.5KJ×(35.2g)}/(44g)
= 314.8kJ
प्रश्न 6.12
CO(g), CO2(g), N2O(g) एवं N2O4(g) की विरचन एन्थैल्पी क्रमशः -110, -393, 81 एवं 9.7kJ mol-1 हैं अभिक्रिया N2O4(g) + 3CO(g) → N2O(g) + 3CO2(g) के लिए ∆rH का मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
अभिक्रिया एन्यैल्पी
(∆rH) = [81 + 3(-393)] – [9.7 + 3(-110)]
= (81 – 1179) – (9.7 – 330)
= 777.7kJ mol-1
प्रश्न 6.13
N2 (g) + 3H2 (g) → 2NH3 (g) ∆rHΘ = -92.4kJ mol-1 NH3 गैस की मानक विरचन एन्थैल्पी क्या है?
उत्तर:
NH3 गैस की मान विरचन एन्थैल्पी
प्रश्न 6.14
निम्नलिखित आँकड़ों से CH3OH(l) की मानक विरचन एन्थैल्पी ज्ञात कीजिए –
उत्तर:
CH3OH(l) की मानक विचरन एंथैल्पी निम्नलिखित से ज्ञात कर सकते हैं –
समीकरण (iii) को 2 से गुणा करके समीकरण (ii) में जोड़ने पर
प्रश्न 6.15
CCl4(g) → c(g) + 4Cl(g) अभिक्रिया के लिए एन्थैल्पी-परिवर्तन ज्ञात कीजिए एवं CCl4 में C – Cl की आबन्ध एन्यल्पी की गणना कीजिए –
उत्तर:
दिये हुए रासायनिक समीकरण के अनुसार,
CCl4(g) → c(g) + 4Cl(g)
CCl4 में चार C – Cl आबन्धों के टूटने के लिए आवश्यक ऊष्मीक ऊर्जा
= 1/4 × ∆H
अब अभिक्रिया CCl4(g) → C(g) + 4Cl(g) के लिए आबन्ध एंथैल्पी
= 30.5 – (715.0 + 4 × 242)kJmol-1
= (30.5 – 1683)kJmol-1
= -165.5 kJmol-1
प्रश्न 6.16
एक विलगित निकाय के लए ∆U = 0, इसके लिए ∆S क्या होगा?
उत्तर:
चूँकि विलगित निकाय में यदि दो गैसों को मिश्रित किया जाये तो ∆U = 0 तथा एण्ट्रापी बढ़ती है, अत: ∆S शून्य से अधिक होगा।
प्रश्न 6.17
298K पर अभिक्रिया 2A + B → C के लिए ∆H = 400 kJ mol-1 एवं ∆S = 0.2 kJK mol-1 ∆H एवं ∆S को ताप-विस्तार में स्थिर मानते हुए बताइए कि किस ताप पर अभिक्रिया स्वतः होगी?
उत्तर:
दी गई अभिक्रिया 2A + B → C
प्रश्नानुसार
∆H = 400kJmol-1 तथा ∆S = 0.2kJmol-1
∆G = ∆H – T∆S
0 = 400 – 0.2 × T (∵∆G = 0, साम्यावस्था पर)
या 0.27 = 400
T = 400 = 2000K
या T = 400/0.2 = 2000k
अत: ताप 2000K से अधिक पर अभिक्रिया स्वतः होगी।
प्रश्न 6.18
अभिक्रिया 2Cl(g) → Cl2(g) के लिए ∆H एवं ∆S के चिन्ह क्या होंगे?
उत्तर:
चूँकि अभिक्रिया में आबन्धों का निर्माण होता है, अतः यह ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है। Cl परमाणु के दो मोलों की एण्ट्रापी Cl2 अणु के एक मोल से अधिक होती है। अत: ∆H तथा ∆S दोनों के चिन्ह ऋणात्मक होंगे।
प्रश्न 6.19
अभिक्रिया 2A(g) + B(g) → 2D(g) के लिए △UΘ298 एवं ∆SΘ = -44.1JK-1 अभिक्रिया के लिए की गणना कीजिए और बताइए कि क्या अभिक्रिया स्वतः प्रवर्तित हो सकती है?
उत्तर:
चूँकि ∆GΘ धनात्मक है; अतः अभिक्रिया की प्रकृति स्वतः प्रवर्तित नहीं होगी।
प्रश्न 6.20
300K पर एक अभिक्रिया के लिए साम्य स्थिारांक 10 है। ∆GΘ का मान क्या होगा? (R = 8.314JK-1mol-1)
उत्तर:
प्रश्नानुसार,
प्रश्न 6.21
निम्नलिखित अभिक्रियाओं के आधार पर NO(g) तथा NO2(g) के ऊष्मागतिकी स्थायित्व पर टिप्पणी कीजिए –
उत्तर:
चूँकि ∆rHΘ धनात्मक है, अत: NO2 ऊष्मागतिक रूप से अस्थाई है।
चूंकि NO का NO2 में ∆rHΘ ऋणात्मक है, अत: NO2 ऊष्मागतिक रूप से अस्थाई है।
प्रश्न 6.22
जब 1.00 mol H2O(l) को मानक परिस्थितियों में विरचित किया जाता है, तब परिवेश के एन्ट्रॉपी-परिवर्तन की गणना कीजिए –
(∆rHΘ = -286.KJ mol-1)
उत्तर: