अहो, सौन्दर्यस्य अस्थिरता
इस कहानी के माध्यम से सुन्दरता पर ध्यान न देकर अच्छे कामों पर ध्यान देने की प्रेरणा दी गई है।
आसीत् कश्चन राजकुमारः। स: नितरां सुन्दरः। स्वस्य सौन्दर्यस्य विषये तस्य महान् गर्वः आसीत् । राज्यनिर्वहणे तस्य अल्पः अपि आदर: न आसीत् । सर्वदा स्वसौन्दर्यविषये एव अवधानं तस्य । तस्य एतां प्रवृत्तिं दृष्ट्वा अमात्यः नितरां खिन्नः अभवत् । राज्यपालने युवराजस्य अनास्थां को वा मन्त्री सहेत? योग्येन उपदेशेन युवराजे जागरणम् आनीय सुमार्गे सः प्रवर्तनीय इति सः निश्चितवान् ।
अथ कदाचित् स्वसौन्दर्यवर्धने तत्परं राजकुमारं दृष्ट्वा सः अवदत्-“युवराजवर्य ! ह्य: एव भवान् अधिकसौन्दर्यवान् आसीत्” इति ।
एतत् श्रुत्वा युवराजः नितरां खिन्नः सन् अमात्यम् अपृच्छयत्- अमात्यवर्य! किम् अद्य मम सौन्दर्य न्यूनम् ? किमर्थं भवता एवम् उक्तम् ? इति।
यत् अस्ति तदेव उक्तं मया” इति गाम्भीर्येण अवदत् मन्त्री।
अद्य मम सौन्दर्यं न्यूनं सर्वथा न । यदि न्यूनम् इति भवान् चिन्तयेत् तर्हि तत् सप्रमाणं निरूपयेत् ।”
अस्तु, निरूपयामि अस्मिन् एव क्षणे” इति उक्त्वा मन्त्री निकटस्थं भटम् आहूय- जलसहितं पात्रम् एकम् आनय इति आज्ञापितवान् । एक जलपात्रं राजकुमारमन्त्रिणोः पुरतः निक्षिप्य सः भटः ततः निर्गतवान् ।
मन्त्री तस्मात् पात्रात् उद्धरणमितं जलम् उद्धृत्य बहिः क्षिप्तवान् । तदन्तरं स: तमेव बहिर्गतं भटम् आहूय य अपृच्छत- पात्रस्थलं जलं यथापूर्वम् अस्ति, उत न्यूनम? इति
भटः अवदत्- यथापूर्वमेव अस्ति जलम् इति।
तदा अमात्यः राजकुमार सम्बोध्य अवदत्- एवमेव भवति सौन्दर्यम् अपि । तत् क्षणे क्षणे क्षीयते एव । किन्तु वयं तत् न अवगच्छामः। सौन्दर्य न स्थिरम् । उत्तमकार्यात् प्राप्येत तत् एव सुस्थिरम्। प्रजापालनं भवतः कर्तव्यम्। तत् श्रद्धया क्रियताम् । ततः यशः प्राप्येत इति।
एतत् श्रुत्वा राजकुमारः स्वस्य दोषम् अवगत्य अनन्तरकाले राज्यपालेन अवधानदानम् आरब्धवान्।
अर्थ : कोई राजकुमार था । वह बहुत सुन्दर था । अपने सौन्दर्य के विषय में बहुत गर्व था
राज्य के नियम के पालन में उसका तनिक भी आदर नहीं था। सदैव अपने सौन्दर्य के विषय ही उसका मन लगता था । इस प्रकार की आदत देखकर प्रधान मंत्री सदैव दुःखी रहा करता था। राज्य पालन में युवराज की अनास्था को कौन मंत्री सहेगा? उचित उपदेश के द्वारा युवराज में जागृति लाकर अच्छे मार्ग पर उसको लौटाने का उसने निश्चय किया।
इसके बाद कभी अपने सौन्दर्य बढ़ाने में लगे राजकुमार को देखकर वह बोला श्रेष्ठ युवराज! कल ही आप अधिक सुन्दर थे।”
ऐसा सुनकर युवराज अत्यन्त खिन्न होकर उस मंत्री से पूछा- श्रेष्ठ मंत्री जी ! क्या आज मेरा सौन्दर्य कम है? क्यों आप ऐसा बोले?
“जैसा है वैसा ही मेरे द्वारा बोला गया है” गम्भीर स्वर से मंत्री ने बोला।
आज मेरा सौन्दर्य अन्य दिनों से कम नहीं है। यदि कम है यह आप समझ रहे हैं तो उसका प्रमाण सहित साबित करें।
“ठीक है, साबित करता हूँ इसी ही क्षण में” इस प्रकार बोलकर मंत्री निकट में स्थित आदेश पाल को बुलाकर-जल सहित पात्र को लाओ, इस प्रकार का आदेश दिया। एक जलपात्र को राजकुमार और मंत्री के सामने रखकर वह आदेशपाल वहाँ से निकल गया।
मंत्री उस पात्र से थोड़ा जल उठाकर बाहर फेंक दिया। उसके बाद वह बाहर गया और सेवक को बुलाकर पूछा- बर्तन का जल जैसे पहले था वैसे ही है या कम।
आदेशपाल ने कहा- पहले की स्थिति में ही जल है।
तब आमत्य (प्रधानमंत्री) ने राजकुमार को समझाते हुए कहने लगा ऐसा ही होता है सौन्दय भी। वह क्षण-क्षण समाप्त हो रहा है। किन्तु हमलोग उसको नहीं समझ पाते हैं। सौन्दर्य स्थिर नहीं होता है। उत्तम कार्य करने से जो यश प्राप्त होता है वही अत्यन्त स्थिर है। प्रजा का पालन करना आपका कर्तव्य है। उसे श्रद्धा से करें। इससे उत्तम यश की प्राप्ति होती है।
यह सुनकर राजकुमार अपने दोष से अवगत होकर राज्यपालन में मन लगाना आरम्भ कर दिया।
हिन्दी में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
कौन बहुत सुन्दर था?
(A) राजकुमार
(B) महामंत्री
(C) कर्मचारी
(D) छात्र
उत्तर :
(A) राजकुमार
प्रश्न 2.
यश किससे प्राप्त होता है?
(A) मध्यम कार्य
(B) निम्न कार्य
(C) उत्तम कार्य
(D) इनमें से सभी
उत्तर :
(C) उत्तम कार्य
प्रश्न 3.
राज कार्य में कौन मदद नहीं करता था?
(A) राजा
(B) महामंत्री
(C) मंत्री
(D) युवराज
उत्तर :
(D) युवराज
प्रश्न 4.
कौन स्थायी नहीं रहता है? ।
(A) सुन्दरता
(B) कुरूपता
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(A) सुन्दरता
प्रश्न 5.
प्रजा की सेवा में मन लगाना कौन प्रारंभ किया?
(A) राजा
(B) युवराज
(C) मंत्री
(D) महामंत्री
उत्तर :
(B) युवराज
प्रश्न 6.
सौन्दर्य कैसा होता है?
(A) चंचल
(B) सुसुप्त
(C) अस्थिर
(D) स्थिर
उत्तर :
(C) अस्थिर
प्रश्न 7.
राजकुमार का गर्व क्या था?
(A) विद्वता
(B) महानता
(C) प्रतिष्ठा
(D) सौन्दर्य
उत्तर :
(D) सौन्दर्य
संस्कृत में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
कः अति सुन्दरः आसीत्?
(A) साधुः
(B) ब्राह्मणः
(C) कश्चन राजकुमारः
(D) द्वारपालः
उत्तर :
(C) कश्चन राजकुमारः
प्रश्न 2.
किं न स्थिरम्?
(A) लोभः
(B) मोहः
(C) क्रोधः
(D) सौन्दर्यम्
उत्तर :
(D) सौन्दर्यम्
प्रश्न 3.
यशः सुस्थिरम् न तु ……….।
(A) शिक्षम्
(B) सौन्दर्यम्
(C) कीर्तिः
(D) वृक्षः
उत्तर :
(B) सौन्दर्यम्
प्रश्न 4.
‘शरीरस्य सौन्दर्य अस्थिरं अस्ति’- अनया कथया का शिक्षा प्राप्यते?
(A) अच्युताष्टकम्
(B) वृक्षैः समं नपतु में जीवनम्
(C) संसारमोहः
(D) अहो, सौन्दर्यस्य अस्थिरता
उत्तर :
(D) अहो, सौन्दर्यस्य अस्थिरता
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