बहुपद
प्रश्न 1.
निम्न द्विघात बहुपदों के शून्यक ज्ञात कीजिए और शून्यकों तथा गुणांकों के बीच के सम्बन्ध की सत्यता की जाँच कीजिए-
(i) x2 – 2x – 8
(ii) 4s2 – 4s + 1
(iii) 6x2 – 3 – 7x
(iv) 4u2 + 8u
(v) t2 – 15
(vi) 3x2 – x – 4
हल
(i) दिया गया बहुपद = x2 – 2x – 8
= x2 – (4 – 2)x – 8
= x2 – 4x + 2x – 8
= (x2 – 4x) + (2x – 8)
= x(x – 4) + 2 (x – 4)
= (x – 4) (x + 2)
x2 – 2x – 8 = (x – 4) (x + 2)
जब बहुपद x2 – 2x – 8 = 0 हो तो (x – 4) (x + 2) भी शून्य होगा जिसका अर्थ है कि या तो x – 4 = 0 या फिर x + 2 = 0
यदि हो x – 4 = 0 हो तो x = 4 और यदि x + 2 = 0 हो तो x = -2
अत: बहुपद x2 – 2x – 8 के शून्यक = 4 व -2
बहुपद x2 – 2x – 8 की तुलना बहुपद ax2 + bx + c से करने पर,
a = 1, b = -2 तथा c = -8
तब, बहुपद के गुणांकों और शून्यकों में सम्बन्ध
शून्यकों का योगफल = −ba=−(−21)=2
तथा शून्यकों का गुणनफल: = ca=−81=−8
और जो शून्यक हमने ज्ञात किए थे उनका योगफल भी 2 तथा गुणनफल (-8) है।
अत: बहुपद के गुणांकों और शून्यकों के बीच के उपर्युक्त सम्बन्ध सत्य हैं।
इति सिद्धम्
(ii) दिया गया बहुपद = 4s2 – 4s + 1
= (2s)2 – 2(2s) . 1 + (1)2 [∵ (a – b)2 = a2 – 2ab + b2]
= (2s – 1)2
4s2 – 4s + 1 = (2s – 1)2
जब बहुपद 4s2 – 4s + 1 = 0 हो तो (2s – 1)2 भी शून्य होगा जिसका अर्थ है कि
(2s – 1)2 = 0
⇒ (2s – 1) = 0
⇒ 2s = 1
⇒ s = 12
यहाँ बहुपद के दोनों शून्यक समान हैं,
अत: बहुपद 4s2 – 4s + 1 के शून्यक = 12 व 12,
बहुपद 4s2 – 4s + 1 की तुलना बहुपद as2 + bs + c से करने पर,
a = 4, b = -4 तथा c = 1
तब, बहुपद के शून्यकों और गुणांकों में सम्बन्ध
शून्यकों का योगफल = −ba=−(−44)=1
तथा शून्यकों का गुणनफल = ca=14
और जो शून्यक हमने ज्ञात किए हैं उनका भी योगफल (12+12 = 1) तथा गुणनफल (12×12= 14) है।
अत: बहुपद के शून्यकों और गुणांकों के बीच उपर्युक्त सम्बन्ध सत्य हैं।
इति सिद्धम्
(iii) दिया गया बहुपद = 6x2 – 3 – 7x
= 6x2 – 7x – 3
= 6x2 – (9 – 2)x – 3
= 6x2 – 9x + 2x – 3
= (6x2 – 9x) + (2x – 3)
= 3x(2x – 3) + 1(2x – 3)
= (2x – 3) (3x + 1)
बहुपद 6x2 – 3 – 7x = (2x – 3) (3x + 1)
जब बहुपद 6x2 – 3 – 7x = 0 हो तो (2x – 3) (3x + 1) भी शून्य होगा जिसका अर्थ है कि या तो 2x – 3 = 0 या फिर 3x + 1 = 0
यदि 2x – 3 = 0 हो तो 2x = 3 ⇒ x = 32
और यदि 3x + 1 = 0 हो तो 3x = -1 ⇒ x = −13
अत: बहुपद 6x2 – 3 – 7x के शून्यक 32 व −13
अब, बहुपद 6x2 – 3 – 7x की तुलना मानक द्विघात बहुपद ax2 + bx + c से करने पर,
a = 6, b = -7 तथा c = -3
तब, बहुपद के शून्यकों और गुणांकों में सम्बन्ध
अत: बहुपद के गुणांकों और शून्यकों के बीच के उपर्युक्त सम्बन्ध सत्य हैं।
इति सिद्धम्
(iv) दिया गया बहुपद = 4u2 + 8u = 4u(u + 2)
यदि उक्त बहुपद 4u2 + 8u = 0 हो तो 4u(u + 2) = 0 जिसका अर्थ है कि
4u = 0 ⇒ u = 0 या फिर u + 2 = 0 ⇒ u = -2
अत: बहुपद 4u2 + 8u के शून्यक = 0 व -2
अब, बहुपद 4u2 + 8u की तुलना बहुपद au2 + bu + c से करने पर,
a = 4, b = 8 तथा c = 0
तब, बहुपद के गुणांकों और शून्यकों में सम्बन्ध
शून्यकों का योगफल = −ba=−84=−2
और शून्यकों का गुणनफल ca=04=0
और हमने जो शून्यक ज्ञात किए हैं, उनका योगफल (-2 + 0) = -2 तथा गुणनफल {(-2) × 0} = 0 है
अत: बहुपद के गुणांकों और शून्यकों के बीच के उपर्युक्त सम्बन्ध सत्य हैं।
इति सिद्धम्
(v) दिया गया बहुपद = t2 – 15
जब बहुपद t2 – 15 = 0 हो तो t2 = 15 या t = ±√15
अत: बहुपद t2 – 15 के शून्यक = +√15 व -√15
यहाँ शून्यकों का योगफल (+√15 – √15) = 0 तथा गुणनफल {√15 × (-√15)} = -15 है।
दिए गए बहुपद t2 – 15 = 0 की तुलना मानक द्विघात बहुपद at2 + bt + c से करने पर,
a = 1, b = 0 तथा c = -15
तब, बहुपद के गुणांकों और शून्यकों के मध्य सम्बन्ध
शून्यकों का योगफल = −ba=−01=0
और शून्यकों का गुणनफल = ca=−151=−15
जो कि उपर्युक्त फलन से मेल खाता है।
अत: बहुपद के गुणांकों और शून्यकों के मध्य उपर्युक्त सम्बन्ध सत्य हैं।
इति सिद्धम्
(vi) दिया गया बहुपद = 3x2 – x – 4
= 3x2 – (4 – 3)x – 4
= 3x2 – 4x + 3x – 4
= (3x2 – 4x) + (2x – 4)
= x(3x – 4) + 1(3x – 4)
= (3x – 4) (x + 1)
= (3x – 4) (x + 1)
जब बहुपद 3x2 – x – 4 = 0 हो तो (3x – 4) (x + 1) = 0
जिसका अर्थ है कि या तो 3x – 4 = 0 या फिर x + 1 = 0 है।
यदि 3x – 4 = 0 हो तो 3x = 4 ⇒ x = 43
और यदि x + 1 = 0 हो तो x = -1
अत: बहुपद के शून्यक = 43 व -1
अब दिए हुए बहुपद 3x2 – x – 4 की तुलना मानक द्विघात बहुपद ax2 + bx + c से करने पर,
a = 3, b = -1 तथा c = -4
तब, बहुपद के गुणांकों a, b, c और बहुपद के शून्यकों के बीच सम्बन्ध
शून्यकों का योगफल = −ba=−(−1)3=13
और शून्यकों का गुणनफल = ca=−43
और जो शून्यक हमने ज्ञात किए हैं उनका भी योगफल = (−1+43)=13 और गुणनफल (43×−1)=−43 है।
अत: बहुपद के गुणांकों और शून्यकों के बीच उपर्युक्त सम्बन्ध सत्य हैं।
इति सिद्धम्
प्रश्न 2.
एक द्विघात बहुपद ज्ञात कीजिए, जिसके शून्यकों के योगफल तथा गुणनफल क्रमशः दी गई संख्याएँ हैं
(i) 14, -1
(ii) √2, 13
(iii) 0, √5
(iv) 1, 1
(v) −14, 14
(vi) 4, 1
हल
(i) माना द्विघात बहुपद के शून्यक α तथा β हैं।
तब, शून्यकों का योगफल = α + β तथा शून्यकों का गुणनफल = αβ
दिया गया है कि शून्यकों का योगफल 14 तथा गुणनफल -1 है।
α + β = 14 और αβ = -1
तब, द्विघात बहुपद = (x – α) (x – β)
= x2 – (α + β) x + αβ
= x2 – 14 x + (-1)
= 4×2−x−44
= k(4x2 – x – 4)
अत: अभीष्ट बहुपद 4x2 – x – 4 या k(4x2 – x – 4) है, जहाँ k = 14 एक वास्तविक संख्या है।
(ii) माना द्विघात बहुपद के शून्यक α तथा β हैं।
तब, शून्यकों का योगफल = α + β तथा गुणनफल = αβ
दिया गया है कि बहुपद के शून्यकों का योगफल √2 तथा गुणनफल 13 है।
α + β = √2 तथा αβ = 13
तब, द्विघात बहुपद = (x – α) (x – β)
= x2 – (α + β) + αβ
= x2 – √2x + 13
= 13(3x2 – 3√2x + 1)
= k(3x2 – 3√2x + 1)
अत: अभीष्ट बहुपद k(3x2 – 3√2x + 1) है, जहाँ k = 13 एक वास्तविक संख्या है।
(iii) माना द्विघात बहुपद के शून्यक α तथा β हैं।
तब, शून्यकों का योगफल = (α + β) और शून्यकों का गुणनफल = αβ
दिया गया है कि शून्यकों का योगफल 0 तथा गुणनफल √5 है।
तब, α + β = 0 तथा αβ = 15
द्विघात बहुपद = (x – α)(x – β)
= x2 – (α + β)x + αβ
= x2 – 0 . x + √5
= x2 + √5
अतः अभीष्ट बहुपद = x2 + √5
(iv) माना द्विघात बहुपद के शून्यक α तथा β हैं।
तब, शून्यकों का योगफल = α + β तथा शून्यकों का गुणनफल = αβ
दिया गया है कि शून्यकों का योगफल 1 तथा गुणनफल 1 है।
तब, α + β = 1 तथा αβ = 1
द्विघात बहुपद = (x – α) (x – β)
= x2 – (α + β)x + αβ
= x2 – (1) . x + 1
= x2 – x + 1
अतः अभीष्ट बहुपद = x2 – x + 1
(v) माना द्विघात बहुपद के शून्यक α व β हैं।
तब, शून्यकों का योगफल = α + β तथा शून्यकों का गुणनफल = αβ
दिया गया है कि शून्यकों का योगफल −14 तथा गुणनफल 14 है।
(जहाँ k एक वास्तविक संख्या है)
अत: अभीष्ट बहुपद = 4x2 + x + 1 अथवा k(4x2 + x + 1) जहाँ k = 14 एक वास्तविक संख्या है।
(vi) माना द्विघात बहुपद के शून्यक α व β हैं।
तब, शून्यकों का योगफल = (α + β) तथा गुणनफल = αβ
दिया गया है कि शून्यकों का योगफल 4 तथा गुणनफल 1 है।
α + β = 4 तथा αβ = 1
द्विघात बहुपद = (x – α) (x – β)
= x2 – (α + β)x + αβ
= x2 – 4x + 1
अत: अभीष्ट बहुपद = x2 – 4x + 1
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