Science

Chapter 1 – जैव प्रक्रम

जैव प्रक्रम जैव प्रक्रम- वे सभी प्रक्रम (Processes) जो सम्मिलित रूप से अनुरक्षण (maintenance) का कार्य करते हैं जैव प्रक्रम (Life Processes) कहलाते हैं। ये प्रक्रम हैं- पोषण, श्‍वसन, वहन, उत्सर्जन आदि। अर्थात जीवित शरीर में होने वाले वे सभी प्रक्रम जो जीवन के लिए अनिवार्य होते हैं, जैव प्रक्रम कहलाते हैं। पोषण, श्‍वसन, उत्सर्जन तथा वहन जैव […]

Chapter 1 – जैव प्रक्रम Read More »

Chapter 5 – तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 

 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण  तत्त्वों के आवर्ती वर्गीकरण की आवश्यकता क्यों ? प्रारंभ में जब बहुत ही कम तत्त्व ज्ञात थे तब उनके गुणों का अलग-अलग अध्ययन करने में कोई विशेष कठिनाई नहीं होती थी। किंतु जब एक-एक करके बहुत-से तत्त्वों का आविष्कार हुआ तो उनके गुणों का अलग-अलग अध्ययन करने में कठिनाई महसुस होने लगी।

Chapter 5 – तत्वों का आवर्त वर्गीकरण  Read More »

Chapter 4 – कार्बन एवं इसके यौगिक

कार्बन एवं इसके यौगिक परिचय- कार्बन पृथ्वी पर 0.02% तथा वायु में कार्बन डाइऑक्साइड के रूप में कार्बन 0.03% पाया जाता है। मुक्त अवस्था में कार्बन हीरे, ग्रैफाइट तथा कोयला के रूप में पाया जाता है। संयोजित अवस्था में कार्बन मुख्य रूप से कार्बोनेट खनिजों में पाया जाता है।कार्बन सभी सजीवों के निर्माण में आवश्यक अवयव

Chapter 4 – कार्बन एवं इसके यौगिक Read More »

Chapter 3 – धातु एवं अधातु

धातु एवं अधातु धातु– वैसे तत्त्व जो विद्युतधनात्मक, आघातवर्धनीय, तन्य, उष्मा तथा विद्युत का सुचालक, चमकीला और कठोर होते हैं, उसे धातु कहते हैं। जैसे- सोडियम, मैग्नीशियम, जिंक, लेड, कॉपर, ताँबा, सोना, ऐलुमिनियम आदि। अधातु– वैसे तत्त्व जो विद्युतधनात्मक, आघातवर्धनीय, तन्य, उष्मा तथा विद्युत का सुचालक, चमकीला और कठोर नहीं होते हैं, उसे अधातु कहते हैं। जैसे-

Chapter 3 – धातु एवं अधातु Read More »

Chapter 2 – अम्‍ल, क्षारक और लवण 

अम्‍ल, क्षारक और लवण  अम्ल– अम्ल वह पदार्थ है जिसका जलीय विलयन स्वाद में खट्टा होता है तथा धातु से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस मुक्त करता है। भस्म– भस्म वह पदार्थ है जिसका जलीय विलयन स्वाद में कड़वा होता है तथा अम्ल को उदासीन कर लवण बनाता है। आर्हेनियस द्वारा अम्ल की परिभाषा– अम्ल वह पदार्थ है जो

Chapter 2 – अम्‍ल, क्षारक और लवण  Read More »

Chapter 1 – रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण हमारे दैनिक जीवन में प्रत्येक क्षण कुछ-न-कुछ परिवर्तन होते रहते हैं। उदाहरण के लिए, दूध से दही बनना या दूध का फटना, चावल से भात का बनना, हमारे शरीर में भोजन का पचना आदि। ये ऐसे परिवर्तन हैं जिनमें मूल पदार्थ अपने गुण एवं पहचान खो देते हैं। मूल पदार्थ में

Chapter 1 – रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण Read More »