Chapter 12 – कर्णस्य दानवीरता

कर्णस्य दानवीरता

प्रश्न 1.
“कर्णस्य दानवीरता’ पाठस्य रचयिता कः अस्ति ?
(A) भासः
(B) कालिदासः
(C) सिद्धेश्वरओझा
(D) मिथिलेश कुमारी मिश्रा
उत्तर :
(A) भासः

प्रश्न 2.
‘कर्णस्य दानवीरता’ पाठः कुतः संकलितः ?
(A) पुराणात्
(B) महाभारतात्
(C) रामायणात्
(D) हितोपदेशत्
उत्तर :
(B) महाभारतात्

प्रश्न 3.
कर्णः कस्य पक्षतः युद्धं करोति ?
(A) कौरवपक्षतः
(B) पाण्डवपक्षतः
(C) रामपक्षतः
(D) बिहारपक्षतः
उत्तर :
(A) कौरवपक्षतः

प्रश्न 4.
सूर्य पुत्रः कः अस्ति?
(A) भीमः
(B) अर्जुनः
(C) कर्णः
(D) युधिष्ठिरः
उत्तर :
(C) कर्णः

प्रश्न 5.
भासस्य कति नाटकानि सन्ति ?
(A) दश
(B) पञ्चदश
(C) त्रयोदश
(D) द्वादश
उत्तर :
(C) त्रयोदश

प्रश्न 6.
सर्वप्रथमः कर्णः किं ददाति ?
(A) सालङ्कारं गोसहस्त्रम्
(B) बहुसहस्त्रवाजिनान्
(C) वारणानां वृन्दम्
(D) अपर्याप्तं कनकम्
उत्तर :
(A) सालङ्कारं गोसहस्त्रम्

प्रश्न 7.
कर्णः कं कवचं कुण्डले च ददाति ?
(A) इन्द्रम्
(B) भीष्मम्
(C) कृष्णम्
(D) युधिष्ठिरम्
उत्तर :
(A) इन्द्रम्

प्रश्न 8.
सूर्य इव, चन्द्र इव, हिमवान् इव, सागर इव तिष्ठतु ते यशः इति कः कथितवान् ?
(A) कर्णः
(B) इन्द्रः
(C) अर्जुनः
(D) युधिष्ठिरः
उत्तर :
(B) इन्द्रः

प्रश्न 9.
कालपर्यात् का क्षयं भवति ?
(A) शिक्षा
(B) विद्या
(C) धनम्
(D) पुस्तकम्
उत्तर :
(A) शिक्षा

प्रश्न 10.
‘कर्णभारं नाटकम्’ कस्य रचना अस्ति ?
(A) भासस्य
(B) कालिदासस्य
(C) रामस्वरूपशुक्लस्य
(D) राजेशकुमारस्य
उत्तर :
(A) भासस्य

हिन्दी में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
‘कर्णस्य दानवीरता पाठ किस ग्रंथ से संकलित है?
(A) कर्णभार से
(B) वासवदत्ता से
(C) प्रतिमानाटक से
(D) मृच्छकटिक से
उत्तर :
(A) कर्णभार से

प्रश्न 2.
महाभारत में किस लेखिका का उल्लेख मिलता है?
(A) गार्गी का
(B) मैत्रेयी का
(C) सुलभ का
(D) यमी का
उत्तर :
(C) सुलभ का

प्रश्न 3.
सूर्यपुत्र कौन था?
(A) भीम
(B) अर्जुन
(C) कर्ण
(D) युधिष्ठिर
उत्तर :
(C) कर्ण

प्रश्न 4.
‘कर्ण किसके पक्ष से युद्ध लड़ रहा था?
(A) कौरव
(B) पांडव
(C) राम
(D) हनुमान
उत्तर :
(A) कौरव

प्रश्न 5.
ब्राह्मण रूप में कौन प्रवेश किया?
(A) इन्द्र
(B) विष्णु
(C) शिव
(D) नारद
उत्तर :
(A) इन्द्र

प्रश्न 6.
दानवीर कौन था?
(A) भीम
(B) अर्जुन
(C) कर्ण
(D) युधिष्ठिर
उत्तर :
(C) कर्ण

प्रश्न 7.
कर्ण किस देश का राजा था?
(A) अंग
(B) मगध
(C) मिथिला
(D) काशी
उत्तर :
(A) अंग

प्रश्न 8.
कण किसका पुत्र था?
(A) कुंती
(B) कौशल्या
(C) केकैयी
(D) शकुन्तला
उत्तर :
(A) कुंती

प्रश्न 9.
भिक्षुक किस वेश में आया था?
(A) राजा
(B) भिखारी
(C) मंत्री
(D) ब्राह्मण
उत्तर :
(D) ब्राह्मण

प्रश्न 10.
‘कर्णस्य दानवीरता पाठ के लेखक कौन हैं?
(A) भास
(B) कालिदास
(C) तुलसीदास
(D) मिथिलेश कुमारी मिश्र
उत्तर :
(A) भास

प्रश्न 11.
समय परिवर्तन के साथ कौन नष्ट हो जाता है?
(A) शिक्षा
(B) भिक्षा
(C) धन
(D) सभी
उत्तर :
(A) शिक्षा

प्रश्न 12.
अर्जुन किसके पक्ष से युद्ध लड़ रहा था?
(A) कौरव
(B) पांडव
(C) राम
(D) हनुमान
उत्तर :
(B) पांडव

प्रश्न 13.
कर्ण-कवच और कुंडल किसको दिया?
(A) इन्द्र
(B) भीष्म
(C) कृष्ण
(D) युधिष्ठिर
उत्तर :
(A) इन्द्र

प्रश्न 14.
कवच और कुंडल किसके पास था?
(A) इन्द्र
(B) भीष्म
(C) कृष्ण
(D) कर्ण
उत्तर :
(D) कर्ण

प्रश्न 15.
कर्ण के कवच-कुण्डल की क्या विशेषता थी? ।
(A) वह बड़ा था
(B) उसे भेदा नहीं जा सकता था
(C) वह सोने का था
(D) वह अति लघु था
उत्तर :
(B) उसे भेदा नहीं जा सकता था

प्रश्न 16.
कर्ण ने कवच कुण्डल देने के पूर्व अन्ततः क्या देने की इच्छा प्रकट की?
(A) स्वर्ण
(B) कनक
(C) पृथ्वी
(D) अपना सिर
उत्तर :
(D) अपना सिर

प्रश्न 17.
‘न दातव्यम् न दातव्यम्’-यह किसने कहा?
(A) कर्ण ने
(B) शक्र ने
(C) शल्य ने
(D) कृष्ण ने
उत्तर :
(C) शल्य ने

संस्कृत में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
सूर्यपुत्रः कः आसीत्?
(A) भीमः
(B) कर्णः
(C) लक्ष्मणः
(D) अर्जुनः
उत्तर :
(B) कर्णः

प्रश्न 2.
कालपर्ययात् का क्षयं भवति?
(A) शिक्षा
(B) विद्या
(C) धनम्
(D) क्षेत्रम्
उत्तर :
(A) शिक्षा

प्रश्न 3.
ततः ब्राह्मणरूपेण कः प्रविशति?
(A) कर्णः
(B) शक्रः
(C) शकः
(D) दुर्योधनः
उत्तर :
(B) शक्रः

प्रश्न 4.
कर्णः प्रथमं किं दातुम् इच्छति स्म?
(A) कनकम्
(B) वारणानामनेकम्
(C) वाजिनाम्
(D) सालङ्कार गोसहस्रम्
उत्तर :
(D) सालङ्कार गोसहस्रम्

प्रश्न 5.
कर्णः कस्य देशस्य राजा आसीत्?
(A) बंगदेशस्य
(B) अनंगदेशस्य
(C) अंगदेशस्य
(D) हस्तिनापुरस्य
उत्तर :
(C) अंगदेशस्य

प्रश्न 6.
महाभारतयुद्ध कुन्तीपुत्रः कर्णः कस्य पक्षतः युद्धं करोति?
(A) पाण्डवपक्षतः
(B) भीष्मपक्षतः
(C) कौरवपक्षतः
(D) द्रोणपक्षतः
उत्तर :
(C) कौरवपक्षतः

प्रश्न 7.
कः महत्तरां भिक्षा याचे?
(A) कर्णः
(B) द्रोणः
(C) भीमः
(D) शक्रः
उत्तर :
(D) शक्रः

प्रश्न 8.
‘अङ्गराज! न दातव्यं न दातव्यम्’-इति कः अवदत?
(A) कर्णः
(B) शक्रः
(C) शल्यः
(D) भीमः
उत्तर :
(C) शल्यः

प्रश्न 9.
‘कर्णस्य दानवीरता पाठस्य रचयिता कः अस्ति?
(A) भासः
(B) कालिदासः
(C) सिद्धेश्वरओझा
(D) मिथिलेश कुमारी मिश्रा
उत्तर :
(A) भासः

प्रश्न 10.
‘कर्णस्य दानवीरता पाठः कुतः संकलितः?
(A) पुराणात्
(B) कर्णभारतः
(C) रामायणात्
(D) हितोपदेशात्
उत्तर :
(B) कर्णभारतः

प्रश्न 11.
कर्णः कस्य पक्षतः युद्धं करोति?
(A) कौरवपक्षतः
(B) पाण्डवपक्षतः
(C) रामपक्षतः
(D) बिहारपक्षतः
उत्तर :
(A) कौरवपक्षतः

प्रश्न 12.
सर्वप्रथमः कर्णः किं ददाति?
(A) सालङ्कारं गोसहस्रम्
(B) बहुसहस्रवाजिनान्
(C) वारणानां वृन्दम्
(D) अपर्याप्तं कनकम्
उत्तर :
(A) सालङ्कारं गोसहस्रम्

कर्णस्य दानवीरता Objective Questions
प्रश्‍न 1. ‘कर्णस्य दानवीरता‘ पाठ किस ग्रंथ से संकलित है ?

(A) कर्णभार से
(B) वासवदत्त से
(C) हितोपदेश से
(D) पुरूषपरिक्षा कथा ग्रंथ से

उत्तर-(A) कर्णभार से

प्रश्‍न 2 ‘महत्तरां भिक्षा याचे‘ यह किसकी उक्ति है ?
(A) कर्ण की
(B) शल्य की
(C) कृष्ण की
(D) इन्द्र की

उत्तर-(D) इन्द्र की

प्रश्‍न 3. सूर्यपुत्र कौन था ?
(A) भीम
(B) अर्जुन
(C) कर्ण
(D) युधिष्ठिर

उत्तर-(C) कर्ण

प्रश्‍न 4. भास के कितने नाटक है ?
(A) 10
(B) 13
(C) 15
(D) 11

उत्तर-(B) 13

प्रश्‍न 5. कर्ण किसके पक्ष से युद्ध लड़ रहा था।
(A) कौरव
(B) पाण्डव
(C) राम
(D) रावण

उत्तर-(A) कौरव

प्रश्‍न 6. ब्राह्मण रूप में कौन प्रवेश किया ?
(A) इन्द्र
(B) विष्णु
(C) कृष्ण
(D) अर्जुन

उत्तर-(A) इन्द्र

प्रश्‍न 7. दानवीर कौन था ?
(A) भीम
(B) अर्जुन
(C) कर्ण
(D) युधिष्ठिर

उत्तर-(C) कर्ण

प्रश्‍न 8. कर्ण किस देश का राजा था ?
(A) अंग
(B) मगध
(C) मिथिला
(D) काशी

उत्तर-(A) अंग

प्रश्‍न 9. कर्ण किसका पुत्र था ?
(A) कुंती
(B) कौशल्या
(C) कैकेयी
(D) शकुन्तला

उत्तर-(A) कुंती

प्रश्‍न 10. भिक्षुक किस वेश में आया था ?
(A) राजा
(B) भिखारी
(C) मंत्री  
(D) ब्राह्मण

उत्तर-(D) ब्राह्मण

प्रश्‍न 11. कवच और कुण्डल किसके पास था ?
(A) इन्द्र
(B) भीष्म
(C) कृष्ण  
(D) कर्ण

उत्तर-(D) कर्ण

प्रश्‍न 12. कर्ण के कवच-कुण्डल की क्या विशेषता थी?
(A) वह बड़ा था
(B) वह सोने के था
(C) वह बहुत चमकिला था
(D) उसे भेदा नहीं जा सकता था।

उत्तर-(D) उसे भेदा नहीं जा सकता था।

12. कर्णस्या दनवीरता Subjective Questions

लघु-उत्तरीय प्रश्नोनत्तर (20-30 शब्दों में) ____दो अंक स्ततरीय
प्रश्‍न 1. ‘कर्णस्य दानवीरता’मेंकर्ण के कवच और कुण्डल की विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर-कर्ण का कवच और कुण्डल जन्मजात था। जब तक उसके पास कवच और कुण्डल रहता, दुनिया की कोई शक्ति उसे मार नहीं सकती थी। कवच और कुण्डल उसे अपने पिता सूर्य देव से प्राप्त थे, जो अभेद्य थे।

प्रश्‍न 2. दानवीर कर्ण के चरित्र पर प्रकाश डालें ?
अथवा, कर्णकी चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर- दानवीर कर्ण एक साहसी तथा कृतज्ञ (उपकार माननेवाला) आदमी था । वह सत्यवादी और मित्र का विश्वास पात्र था। दुर्योधन द्वारा किए गए उपकार को वह कभी नहीं भूला। उसका कवच-कुण्डल अभेद्य था फिर भी उसने इंद्र को दानस्वरूप दे दिया। वह दानवीर था। कुरुक्षेत्र में वीरगति को पाकर वह भारतीय इतिहास में अमर हो गया।

प्रश्‍न 3. कर्ण कौन था एवं उसके जीवन से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर-कर्ण कुंती का पुत्र था। महाभारत के युद्ध में उसने कौरव पक्ष से लड़ाई की । इस पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि दान ही मनुष्य का सर्वश्रेष्ठ गुण है, क्योंकि केवल दान ही स्थिर रहता है। शिक्षा समय-परिवर्तन के साथ समाप्त हो जाती है। वृक्ष भी समय के साथ नष्ट हो जाता है। इतना ही नहीं, जलाशय भी सूखकर समाप्त हो जाता है। इसलिए कोई मोह किए बिना दान अवश्य करना चाहिए।

प्रश्‍न 4. दानवीर कर्ण ने इन्द्र को दान में क्या दिया ? तीन वाक्यों में उत्तर दें।
अथवा, ‘कर्णस्य दानवीरता’ पाठ के आधार पर दान की महत्ता को बताएं।
उत्तर-दानवीर कर्ण ने इन्द्र को अपना कवच और कुण्डल दान में दिया । कर्ण को ज्ञात था कि यह कवच और कण्डल उसका प्राण-रक्षक है। लेकिन दानी स्वभाव होने के कारण उसने इन्द्ररूपी याचक को खाली लौटने नहीं दिया ।

प्रश्‍न 5. ‘कर्णस्यदानवीरता’ पाठ के नाटककार कौन हैं ? कर्ण किनका पुत्र था तथा उन्होंने इन्द्र को दान में क्या दिया?
उत्तर—’कर्णस्य दानवीरता’ पाठ के नाटककार ‘भास’ हैं। कर्ण कुन्ती का पुत्र था तथा उन्होंने इन्द्र को दान में अपना कवच और कुण्डल दिया।

प्रश्‍न 6. ‘कर्णस्य दानवीरता’ पाठ के आधार पर इन्द्र के चरित्र की विशेषताओं को लिखें। 
अथवा, ‘कर्णस्य दानवीरता’ पाठ के आधार पर इन्द्र की चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर-इन्द्र स्वर्ग का राजा है किन्तु वह सदैव सशंकित रहता है कि कहीं कोई उसका पद छीन न ले। वह स्वार्थी तथा छली है। उसने महाभारत में अपने पुत्र अर्जुन को विजय दिलाने के लिए ब्राह्मण का वेश बनाकर छल से कर्ण का कवच-कुण्डल दान में ले लिया ताकि कर्ण अर्जुन से हार जाए।

प्रश्‍न 7. ‘कर्णस्य दानवीरता’ पाठ के आधार पर दान की महिमा का वर्णन करें।
अथवा, ‘कर्णस्य दानवीरता’ पाठ के आधार पर दान के महत्व का वर्णन करें।
उत्तर– कर्ण जब कवच और कुंडल इन्द्र को देने लगतेहैं तब शल्य उन्हें रोकते हैं। इस पर कर्ण दान की महिमा बतलाते हुए कहते हैं कि समय के परिवर्तन से शिक्षा नष्ट हो जाती है, बड़े-बड़े वृक्ष उखड़ जाते हैं, जलाशय सूख जाते हैं, परंतु दिया गया दान सदैव स्थिर रहता है, अर्थात दान कदापि नष्ट नहीं होता है।

प्रश्‍न 8. कर्णस्यणदानवीरता पाठ कहाँ से उद्धत है। इसके विषय में लिखें।
उत्तर- ‘कर्णस्य दानवीरता’ पाठ भास-रचित कर्णभार नामक रूपक से उद्धृत है। इस रूपक का कथानक महाभारत से लिया गया है। महाभारत युद्ध में कुंतीपुत्र कर्ण कौरव पक्ष से युद्ध करता है। कर्ण के शरीर में स्थित जन्मजात कवच और कुंडल उसकी रक्षा करते हैं। इसलिए, इन्द्र छलपूर्वक कर्ण से कवचऔर कुंडल मांगकर पांडवों की सहायता करते हैं।

प्रश्‍न 9. कर्ण के प्रणाम करने पर इन्द्र ने उसे दीर्घायु होने का आशीर्वाद क्यों नहीं कहा?
उत्तर-इन्द्र जानते थे कि कर्ण को युद्ध में मरना अवश्य संभव है। कर्ण को यदि दीर्घायु होने का आशीर्वाद दे देते, तो कर्ण की मृत्यु युद्ध में संभव नहीं थी। वह दीर्घायु हो जाता। कुछ नहीं बोलने पर कर्ण उन्हें मूर्ख समझता। इसलिए इन्द्र ने उसे दीर्घायु होने का आशीर्वाद न देकर सूर्य, चंद्रमा, हिमालय और समुद्र की तरह यशस्वी होने काआशीर्वाद दिया।

प्रश्‍न 10. कर्ण ने कवच और कंडल देने के पूर्व इन्द्र से किन-किन चीजों को दानस्वरूपलेने के लिए आग्रह किया?
उत्तर-इन्द्र कर्ण से बड़ी भिक्षा चाहते थे। कर्ण समझ नहीं सका कि इन्द्र भिक्षा के रूप में उनका कवच और कुंडल चाहते हैं। इसलिए कवच और कंडल देने से पूर्व कर्ण ने इन्द्र से अनुरोध किया कि वे सहस्र गाएँ, हजारों घोडें, हाथी, अपर्याप्त स्वर्ण मुद्राएँ और पृथ्वी (भूमि), अग्निष्टोम फल या उसका सिर ग्रहण करें।

प्रश्‍न 11. ‘कर्णस्य दानवीरता’ पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर- ‘कर्णस्य दानवीरता’ पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि दान ही मनुष्य का सर्वश्रेष्ठ गुण है, क्योंकि केवल दान ही स्थिर रहता है। शिक्षा समय-परिवर्तन के साथ समाप्त हो जाती है। वृक्ष भी समय के साथ नष्ट हो जाता है। इतना ही नहीं, जलाशय भी सूखकर समाप्त हो जाता है। इसलिए कोई मोह किए बिना दान अवश्य करना चाहिए।

प्रश्‍न 12. कर्णस्य दानवीरता पाठ का पाँच वाक्यों में परिचय दें।
उत्तर-यह पाठ संस्कृत के प्रथम नाटककार भास द्वारा रचित कर्णभार नामक एकांकी रूपक से संकलित किया गया है। इसमें महाभारत के प्रसिद्ध पात्र कर्ण की दानवीरता दिखाई गयी है। इन्द्र कर्ण से छलपूर्वक उनके रक्षक कवच कुण्डल को मांग लेते हैं और कर्ण उन्हें दे देता है। कर्ण बिहार के अंगराज्य (मुंगेर तथा भागलपुर) का शासक था। इसमें संदेश है कि दान करते हुए मांगने वाले की पृष्ठभूमि जान लेनी चाहिए, अन्यथा परोपकार विनाशक भी हो जाता है।

प्रश्‍न 13. इन्द्र ने कर्ण से कौन-सी बड़ी भिक्षा माँगी और क्यों?
उत्तर-इन्द्र ने कर्ण से बड़ी भिक्षा के रूप में कवच और कुंडल माँगी। अर्जुन की सहायता करने के लिए इन्द्र ने कर्ण से छलपूर्वक कवच और कुंडल माँगे, क्योंकि जब तक कवच और कुंडल उसके शरीर पर विद्यमान रहता, तब तक उसकी मृत्यु नहीं हो सकती थी। चूँकि कर्ण कौरव पक्ष से युद्ध कर रहे थे, अतः पांडवों को युद्ध में जिताने के लिए कर्ण से इन्द्र ने कवच और कुंडल की याचना की।

प्रश्‍न 14. शास्त्रं मानवेभ्यः किं शिक्षयति?
उत्तर-शास्त्र मनुष्य को कर्तव्य-अकर्तव्य का बोध कराता है। शास्त्र ज्ञान का शासक होता है। सुकर्म-दुष्कर्म, सत्य-असत्य आदि की जानकारी शास्त्र से ही मिलती है।

प्रश्‍न 15. कर्ण की दानवीरता का वर्णन अपने शब्दों में करें।
उत्तर-कर्ण सूर्यपुत्र है । जन्म से ही उसे कवच और कुण्डल प्राप्त है। जब तक कर्ण के शरीर में कवच-कुण्डल है तब तक वह अजेय है। उसे कोई मार नहीं सकता है। कर्ण महाभारत युद्ध में कौरवों के पक्ष में युद्ध करता है। अर्जुन इन्द्रपुत्र हैं। इन्द्र अपने पुत्र हेतु छलपूर्वक कर्ण से कवच और कुण्डल माँगने जाते हैं। दानवीर कर्ण सूर्योपासना के समय याचक को निराश नहीं लौटाता है। इन्द्र इसका लाभ उठाकर दान में कवच और कुण्डल माँग लेते हैं। सब कुछ जानते हुए भी इन्द्र को कर्ण अपना कवच और कुंडल दे देता है |

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